पत्रकार व यूट्यूबर में संवैधानिक अंतर Constitutional difference between a journalist and a YouTuber

भारत में पत्रकार और यूट्यूबर के बीच अंतर को समझने के लिए हमें उनके कार्यक्षेत्र, जिम्मेदारियों, कानूनी दायित्वों, और भारत सरकार द्वारा निर्ध...

भारत में पत्रकार और यूट्यूबर के बीच अंतर को समझने के लिए हमें उनके कार्यक्षेत्र, जिम्मेदारियों, कानूनी दायित्वों, और भारत सरकार द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों को गहराई से विश्लेषण करना होगा। दोनों ही सूचना के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन उनके कार्य करने के तरीके, मंच, और कानूनी जवाबदेही में स्पष्ट अंतर हैं। यह लेख पत्रकारिता और यूट्यूबिंग के बीच अंतर को स्पष्ट करता है, साथ ही भारत सरकार के मंत्रालयों, संविधान, नियम-कानून, और दोनों के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों पर प्रकाश डालता है।


1. पत्रकार और यूट्यूबर: परिभाषा और भूमिका
पत्रकार (Journalist):
पत्रकार वह व्यक्ति होता है जो समाचार पत्र, टेलीविजन, रेडियो, या ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल जैसे पारंपरिक या डिजिटल मीडिया मंचों के माध्यम से समाचार, सूचना, और विश्लेषण जनता तक पहुंचाता है। पत्रकारिता का मुख्य उद्देश्य जनता को सूचित करना, शिक्षित करना, और सामाजिक जागरूकता बढ़ाना है। पत्रकारों को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) और अन्य नियामक निकायों के दिशानिर्देशों का पालन करना होता है। पत्रकारिता में नैतिकता, तथ्य-जांच, और निष्पक्षता पर विशेष जोर दिया जाता है।
यूट्यूबर (YouTuber):
यूट्यूबर वह व्यक्ति होता है जो यूट्यूब जैसे डिजिटल मंच पर वीडियो सामग्री बनाता और अपलोड करता है। यूट्यूबर्स की सामग्री समाचार, मनोरंजन, शिक्षा, जीवनशैली, गेमिंग, या व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित हो सकती है। यूट्यूबर्स को आमतौर पर स्वतंत्र सामग्री निर्माता माना जाता है, और उनकी गतिविधियां यूट्यूब की सामुदायिक दिशानिर्देशों (Community Guidelines) और कुछ हद तक भारत सरकार के नियमों द्वारा नियंत्रित होती हैं। यूट्यूबिंग में रचनात्मक स्वतंत्रता अधिक होती है, लेकिन तथ्य-जांच और नैतिकता का स्तर व्यक्तिगत यूट्यूबर पर निर्भर करता है।
मुख्य अंतर:
  • उद्देश्य: पत्रकारिता का उद्देश्य मुख्य रूप से समाचार और तथ्य आधारित जानकारी प्रदान करना है, जबकि यूट्यूबिंग का उद्देश्य मनोरंजन, व्यक्तिगत अभिव्यक्ति, या व्यवसायिक लाभ हो सकता है।
  • प्लेटफॉर्म: पत्रकार पारंपरिक या डिजिटल न्यूज़ प्लेटफॉर्म पर काम करते हैं, जबकि यूट्यूबर सोशल मीडिया मंचों पर।
  • नियामक ढांचा: पत्रकारों को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और अन्य सरकारी नियमों का पालन करना होता है, जबकि यूट्यूबर्स यूट्यूब की नीतियों और कुछ सरकारी दिशानिर्देशों के अधीन होते हैं।
  • नैतिकता: पत्रकारिता में नैतिकता और तथ्य-जांच अनिवार्य है, जबकि यूट्यूबर्स के लिए यह वैकल्पिक और व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है।

2. भारत सरकार के मंत्रालय और उनके दिशानिर्देश
भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) पत्रकारिता और डिजिटल सामग्री निर्माण दोनों को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न नियम और दिशानिर्देश लागू करता है। नीचे इनके लिए लागू नियमों का विवरण दिया गया है:
पत्रकारिता के लिए दिशानिर्देश:
  1. प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI):
    प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, 1978 के प्रेस काउंसिल एक्ट के तहत स्थापित, प्रिंट मीडिया और पत्रकारों के लिए नैतिकता और आचरण के मानक निर्धारित करता है। PCI के दिशानिर्देश पत्रकारों को निम्नलिखित बाध्य करते हैं:
    • तथ्य-जांच और सटीकता: समाचार की सत्यता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना।
    • गोपनीयता का सम्मान: व्यक्तियों की निजता का उल्लंघन न करना।
    • सामाजिक सद्भाव: समाचारों में सांप्रदायिक, जातिगत, या धार्मिक वैमनस्य को बढ़ावा न देना।
    • विज्ञापन और समाचार का पृथक्करण: प्रायोजित सामग्री को स्पष्ट रूप से चिह्नित करना।
  2. केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995:
    यह अधिनियम टेलीविजन चैनलों के लिए सामग्री को नियंत्रित करता है। इसमें हिंसा, अश्लीलता, और मानहानि से संबंधित सामग्री पर प्रतिबंध शामिल हैं।
  3. डिजिटल मीडिया के लिए दिशानिर्देश:
    सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 (IT Rules, 2021) डिजिटल समाचार मंचों और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए लागू हैं। यह पत्रकारों के लिए निम्नलिखित नियम निर्धारित करता है:
    • आचार संहिता: डिजिटल न्यूज़ पोर्टल्स को PCI के मानकों का पालन करना होगा।
    • शिकायत निवारण तंत्र: उपयोगकर्ताओं की शिकायतों के लिए एक त्रि-स्तरीय निवारण प्रणाली।
    • सामग्री वर्गीकरण: सामग्री को आयु-उपयुक्त रेटिंग देना।
यूट्यूबर्स के लिए दिशानिर्देश:
यूट्यूबर्स को भारत सरकार के IT Rules, 2021 के तहत सामाजिक मीडिया मध्यस्थों (Social Media Intermediaries) के नियमों का पालन करना होता है। इसके अलावा, यूट्यूब की सामुदायिक दिशानिर्देश उनके लिए प्राथमिक नियामक ढांचा हैं। कुछ प्रमुख बिंदु:
  1. IT Rules, 2021:
    • यूट्यूब जैसे मंचों को भारत में एक शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करना होगा।
    • सामग्री जो राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, या नैतिकता के खिलाफ हो, उसे हटाने के लिए 36 घंटे का समय दिया जाता है।
    • यूट्यूबर्स को ऐसी सामग्री बनाने से बचना चाहिए जो मानहानिकारक, अश्लील, या हिंसक हो।
  2. यूट्यूब सामुदायिक दिशानिर्देश:
    • हानिकारक सामग्री: हिंसा, आतंकवाद, या नफरत फैलाने वाली सामग्री पर प्रतिबंध।
    • कॉपीराइट: दूसरों की सामग्री का अनधिकृत उपयोग न करना।
    • मॉनेटाइजेशन नियम: यूट्यूबर्स को मॉनेटाइजेशन के लिए कम से कम 1,000 सब्सक्राइबर्स और 4,000 घंटे का वॉच टाइम चाहिए।
  3. विज्ञापन मानक:
    विज्ञापन परिषद ऑफ इंडिया (ASCI) के दिशानिर्देश यूट्यूबर्स पर लागू होते हैं, जो प्रायोजित सामग्री को स्पष्ट रूप से प्रकट करने के लिए बाध्य करते हैं।

3. संवैधानिक प्रावधान
भारत का संविधान दोनों पत्रकारों और यूट्यूबर्स को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान करता है, लेकिन इसके साथ कुछ सीमाएं भी हैं।
  1. अनुच्छेद 19(1)(a):
    यह अनुच्छेद नागरिकों को अभिव्यक्ति और बोलने की स्वतंत्रता देता है। पत्रकार और यूट्यूबर दोनों इस अधिकार के तहत अपनी सामग्री प्रकाशित कर सकते हैं।
  2. अनुच्छेद 19(2):
    इस अनुच्छेद के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर उचित प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, जैसे:
    • राष्ट्रीय सुरक्षा
    • सार्वजनिक व्यवस्था
    • नैतिकता
    • मानहानि
    • अवमानना
    • उकसावे या हिंसा को बढ़ावा देना
पत्रकारों और यूट्यूबर्स को इन सीमाओं का पालन करना होता है। पत्रकारों पर यह नियम अधिक सख्ती से लागू होते हैं, क्योंकि उनकी सामग्री का प्रभाव व्यापक माना जाता है।

4. पत्रकारिता और यूट्यूबिंग में नैतिकता और जवाबदेही
पत्रकारिता में नैतिकता:
पत्रकारों को निम्नलिखित नैतिक मानकों का पालन करना होता है:
  • निष्पक्षता: समाचार को तटस्थ और तथ्य आधारित रखना।
  • स्रोत की गोपनीयता: सूत्रों की पहचान को सुरक्षित रखना।
  • सार्वजनिक हित: सामग्री का उद्देश्य जनहित होना चाहिए।
यूट्यूबिंग में नैतिकता:
यूट्यूबर्स के लिए कोई औपचारिक नैतिक कोड नहीं है, लेकिन सामाजिक जिम्मेदारी और यूट्यूब की नीतियां उनकी सामग्री को प्रभावित करती हैं। कई यूट्यूबर्स व्यक्तिगत ब्रांडिंग और मॉनेटाइजेशन पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिससे तथ्य-जांच और निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है।
जवाबदेही:
  • पत्रकारों को PCI, मंत्रालय, और न्यायालयों के प्रति जवाबदेह होना पड़ता है।
  • यूट्यूबर्स मुख्य रूप से यूट्यूब की नीतियों और कुछ हद तक IT Rules, 2021 के प्रति जवाबदेह होते हैं।

5. कानूनी चुनौतियां और उदाहरण
  1. पत्रकारों के खिलाफ मामले:
    पत्रकारों को अक्सर मानहानि, अवमानना, या राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों में कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के लिए, कई पत्रकारों को IT Rules, 2021 के तहत डिजिटल सामग्री के लिए जवाबदेह ठहराया गया है।
  2. यूट्यूबर्स के खिलाफ मामले:
    यूट्यूबर्स को भी मानहानि या आपत्तिजनक सामग्री के लिए कानूनी नोटिस मिलते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ यूट्यूबर्स पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने या गलत जानकारी फैलाने के आरोप में FIR दर्ज की गई हैं।

6. निष्कर्ष
पत्रकार और यूट्यूबर दोनों ही सूचना के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन उनके कार्यक्षेत्र, नियामक ढांचे, और नैतिक दायित्वों में स्पष्ट अंतर हैं। पत्रकारिता एक पेशेवर और विनियमित क्षेत्र है, जो प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और IT Rules, 2021 जैसे कड़े नियमों से बंधा है। दूसरी ओर, यूट्यूबिंग अधिक रचनात्मक और स्वतंत्र है, लेकिन यूट्यूब की सामुदायिक दिशानिर्देशों और कुछ सरकारी नियमों का पालन करना होता है। भारत का संविधान दोनों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, लेकिन अनुच्छेद 19(2) के तहत उचित प्रतिबंध लागू होते हैं।
आज के डिजिटल युग में, पत्रकारिता और यूट्यूबिंग के बीच की रेखा धुंधली हो रही है, क्योंकि कई पत्रकार यूट्यूब पर अपनी सामग्री साझा करते हैं, और कई यूट्यूबर्स समाचार आधारित सामग्री बनाते हैं। फिर भी, दोनों के लिए भारत सरकार के नियम और दिशानिर्देश सुनिश्चित करते हैं कि सूचना का प्रसार जिम्मेदारी और नैतिकता के साथ हो।

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ATV NEWS CHANNAL (24x7 National Hindi Satellite News Channel): पत्रकार व यूट्यूबर में संवैधानिक अंतर Constitutional difference between a journalist and a YouTuber
पत्रकार व यूट्यूबर में संवैधानिक अंतर Constitutional difference between a journalist and a YouTuber
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